Hindi short moral story
न्यायाधीश ने किसान से पूछा कि क्या वह मक्खन को तौलने के लिए क्या उपयोग करता है। किसान ने उत्तर दिया, 'जज साहब, मैं एक गरीब आदिम हूं। मेरे पास एक उचित पैमाना तो नहीं है, लेकिन मेरे पास एक पैमाना है। '
जज ने जवाब दिया, "फिर आप मक्खन का वजन कैसे करते हैं?"
किसान ने उत्तर दिया; “जज साहब, जब से होटल वाले ने मुझसे मक्खन खरीदना शुरू किया, बहुत समय से मैं उससे एक पाउंड की रोटी खरीद रहा हूँ। हर दिन, जब होटल वाले से रोटी लाता हूँ, तो मैं इस रोटी के वजन के बराबर मक्खन का वजन इस होटल वाले को देता हूँ पैमाने पर डालता हूं। अगर किसी को दोषी ठहराया जाना है, तो इस होटल को। क्योंकि मक्खन का वजन रोटी के से ही मापता हूँ यदि मक्खन का वजन कम है तो इसका सीधा मतलब है कि ये जो रोटी मुझे देता है उसका वजन भी कम होगा।
Moral of story:- जीव में, आपको वही मिलता है जो आप देते हैं। दूसरों को धोखा देने की कोशिश न करें। ”
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