Story in hindi with moral
आज हम आपके लिए story in hindi with moral पोस्ट के रूप में सर्वश्रेष्ठ story in hindi with moral लेकर आये हैं। ये hindi stories आपको motivate करने के साथ - साथ आप में एक नया नजरिया विकसित करेगी जिससे आप अपने जीवन में आने वाली बाधाओं से मजबूती से संघर्ष कर सकें। सर्वश्रेष्ट कहानियां :-
Contents:-
- 11 hindi moral story
- 75 story in hindi with moral list
1. असली विजेता
Real winner
कई बार आप जीवन में हार जाते हैं और काफी निराश हो जाते है कभी कभी तो लोग बहुत ज्यादा डिप्रेशन में भी चले जाते हैं। आज के इस युग में ज्यादातर यही सिखाया जाता है कि यदि आप जीतते हैं तो ही आपकी value है। हारने वाले व्यक्ति की कोई वैल्यू नही। पर आज इस story in hindi with moral से आप सीखेंगे की असली winner किसे कहा जाता है-
- ओलंपिक में भाग लेना ही एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है । लारेंस लेमिक्स ( Lawrence lemieux) ओलंपिक में नाव की रेस में बुरी तरह से फंस चुके एक प्रतियोगी की सहायता करने के लिए वो रुक जाते हैं। सारी दुनिया देख रही थी कि उन्होंने अपने जितने से ज्यादा एक जिंदगी को बचाने को ज्यादा अहमियत दी। हालांकि वो नोका दौड़ नही जीते फिर भी वो विजेता थे। कई देशों ने उन्हें सम्मानित किया गया।
- रुबेन gonzales रेकेटबॉल की विश्व championship के फाइनल मैच में खेल रहे थे। इस फाइनल खेल के मैच पॉइंट पर gonzeles ने एक बेहतरीन शॉट खेला। रैफरी और लाइंसमैन ने शॉट को सही बताते हुए , उन्हें विजेता घोषित कर दिया। थोड़े रुकने और हिचकिचाने के बाद gonzales ने अपने प्रतियोगी को हाथ मिलाते हुए कहा शॉट गलत था । इसका परिणाम ये हुआ कि वे सर्विस हार गए और मैच भी।
हर कोई हैरान था। कोई सोच भी नही सकता था कि कोई इंसान जिसके पक्ष में सब बातें हो और जिसे विजेता भी घोषित कर दिया हो वो इतनी सरलता से हार को गले लगा लेगा। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐंसा क्यों किया तो उन्होंने जवाब दिया की " मेरे पास अपने जमीर को बचाये रखने के लिए इसके अलावा कोई और रास्ता नही था।" gonzeles मैच जरूर हार गए थे फिर भी वो एक विजेता थे । स्वार्थ के ऊपर ये जमीर की जीत थी।
Moral of story :- हार जीत के इस खेल में नैतिकता सर्वोच्च चीज है। पुराने समय में नैतिकता हमारी शिक्षा और जीवन का अनिवार्य अंग थी। पर आज की आधुनिक शिक्षा में ये विलुप्त सी होती जा रही है। story in hindi with moral यह है कि जीवन को beautiful बनाने के लिए हमारे अंदर नैतिकता का होना जरुरी है।
2.सब विजेता हैं
Every one a winner
सब विजेता हैं story in hindi with moral यह story ये बताती है कि कोई कभी हारता नही है अपने स्तर पर सभी एक विजेता होते है।
एक मैराथन दौड़ में राम , श्याम और रवि ने भाग लिया सैकड़ो लोगो के साथ उन्हीने भी दौड़ना शुरू किया। कोई और बन्दा इस दौड़ को जीत गया। तो इसका क्या ये मतलब है कि राम , श्याम और रवि हार गए? बिल्कुल नही वो हारे नही हैं। उन तीनों ने अलग अलग उद्देश्य से मैराथन दौड़ में भाग लिया था। राम का उद्देश्य था कि वह अपनी क्षमता को अजमाना चाहता था और उसने जितना सोचा था उससे कहीं बेहतर प्रदर्शन किया। श्याम का उद्देश्य था कि वह अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन करना चाहता था जो उसने किया। रवि के उद्देश्य था कि वह दौड़ में भाग ले जो उसने पूरा किया। तीनों जिस उद्देश्य से दौड़े उन्होंने उसे पूरा किया वो तीनो भी विजेता थे चाहे उन्हें कोई मैडल नही मिला हो।
Moral of story :- आप अपनी हार से हताश न हो आप भी कहीं न कहीं एक विजेता हैं। आपके उद्देश्य और मेहनत के अनुसार आप सदैव एक विजेता होते हैं।
3. क्या आपका जीवन बचाने लायक है?
Is your life worth saving
यह एक बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी short है। एक लड़का नदी में डूब रहा था । वह मदद के लिया जोर जोर से चिल्ला रहा था तभी एक व्यक्ति ने उसे बचाने के लिए नदी के छलाँग लगा दी । कभी मसकत के बाद वह व्यक्ति उस लड़के को किनारे पर ले कर आया। जब व्यक्ति जाने लगा तो उस लड़के ने हाँफते हुए कहा " मेरी जान बचाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।" उस आदमी ने लड़के की आँखों में देखते हुए कहा " बेटा जब तुम बड़े हो जाओ तो इस बात को साबित करना कि तुम्हरी जिंदगी बचाने लायक थी।"
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि आप एक बार अपनी जिंदगी के बारे मे सोचें कि कही आप इसे यूँ ही तो व्यर्थ नही गँवा रहे।
4. मिदास का स्पर्श
The Midas touch
मिदास का स्पर्श story in hindi with moral । यह story कहानी बताती है कि कभी कभी हमारी जो इच्छा पूरी होती है । वह भी हमे दुःख पहुंचाती है। यह राजा मिदास की कहानी है जो शायद अपने पहले भी पढ़ी होगी ।
राजा मिदास को सोने ( Gold) से बहुत ज्यादा लगाव था। एक दिन जब वो सोना गिन रहा था तभी एक अजनबी आता है और राजा को बोलता है " राजा तुम कोई भी एक वरदान माँग लो जो तुम्हारी इच्छा हो।" ,राजा खुश हो जाता है और वरदान मांगता है कि " मैं जिस भी वस्तु को छू लू वो सोना बन जाये।" अजनबी ने कहा ठीक है " मैं तुम्हें ये वरदान देता हूँ कि कल सुबह सूरज की पहली किरण के बाद तुम जो भी वस्तु को छुओगे वह सोना बन जायेगी।" ऐसा कहकर वो अजनबी चला जाता है।
अगले दिन सुबह राज अपने पलंग को छूता है । पलंग सोने का बन जाता है राजा मिदास को बहुत ख़ुशी होती है। उसने खिड़की से देखा तो पाया कि उसकी नन्ही बच्ची खेल रही है। राजा उस नन्ही बच्ची को अपना ये चमत्कार दिखना चाहत था । राजा अपने कमरे से बहार निकला और ये किताब को पढ़ने के लिए हाथ में लिया तो वो किताब सोने की बन गई। राजा किताब नही पड़ पाया , बगीचे में घूमने के लिए गया एक फूल को हाथ लगाया वह भी सोना बन गया। जब राजा भोजन करने बैठा और जैसे ही रोटी को हाथ लगाया वह रोटी भी सोने की बन गई। अब राजा ने अपनी नन्ही सी बिटिया को खिलाने के लिए छुआ तो वह भी सोने की बन गई। यह देखकर राजा के चेहरे की सुर्खियां उड़ गयीं।
राजा रोने लगा और बोलने लगा कि " मेरी बेटी मुझ से छीन गई , मैं खा और पी भी नही सकता।" यह वरदान नही ये तो अभिशाप है ये यह सब मेरे लालच के कारण हुआ है।" उसी समय वह अजनबी फिर राजा के पास आता है और राजा से पूछता है कि " क्या आप मेरे वरदान से खुश हैं? राजा ने रोते हुए कहा " मैं इस वरदान के कारण दुनिया के सबसे अभागा व्यक्ति बन गया हूँ।" अजनबी ने कहा " अब बताओ तुम्हे क्या चाहिए अपनी बेटी और भोजन या फिर सोना और सोने की बनी बेटी।" राजा मिदास ने गिड़गिड़ाकर कहा " मुझे अपनी बेटी और पुराना जीवन ही चाहिए ये सोना और ये जीवन सब मेरे लिए मूल्यहीन हैं।" उस अजनबी ने अपना वरदान बापस ले लिया। राजा को अपनी बेटी बापस मिल गई और एक सबक भी जिसे वि जिंदगी भर नही भूल सका।
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि लालची लोग अपने लालच के कारण मुसीबत में फस जाते हैं।
5. एक पिल्ला
A pappy
एक बच्चा पालतू जानवर की दुकान में एक पिल्ला खरीदने के लिए गया। वहाँ पर कई सारे पिल्ले बैठे हुए थे। हर एक पिल्ले की कीमत 50 डॉलर थी । एक पिल्ला सबसे अलग एक कोने में बैठा था। बच्चे ने उस पिल्ले की और इशारा करते हुए पूछा कि " क्या ये पिल्ला बिकाऊ है और ये सबसे अलग क्यों बैठा है? दुकानदार ने जवाब दिया " यह एक अपाहिज पिल्ला है ये बिकाऊ नही है।"
बच्चे ने फिर पूछा " इस पिल्ले को क्या हुआ है और आप अब इसका क्या करोगे? दुकानदार ने कहा " इस पिल्ले की एक पैर खराब हो गया है इस अब मौत की नींद सुला दिया जायेगा।" बच्चे ने पूछा की क्या वह अभी उस पिल्ले के साथ खेल सकता है । दुकानदार ने कहा " हाँ तुम खेल सकते है।" बच्चे ने उस पिल्ले को अपनी गोद मे उठाया तो वह पिल्ला उस बच्चे को चाटने लगा। उस बच्चे ने निर्णय कर लिया की वह इस पिल्ले को खरीदेगा। पर दुकानदार ने कहा " यह एक अपाहिज पिल्ला है ये बिकाऊ नही है।" पर वः छोटा बच्चा जिद करने लगा तो दुकानदार मन गया।
उस बच्चे ने दुकानदार को 2 डॉलर दिए बाकि 48 डॉलर लेने के लिए अपने घर की और दौड़ा अभी वह दुकान से बाहर ही निकलने वाला था कि दुकानदार ने चिल्लाकर पूछा " मुझे समझ नही आ रहा की तुम इतने डॉलर में एक अच्छा पिल्ला खरीद सकते हो फिर भी इस अपाहिज पिल्ले को क्यों खरीदना चाहते हो।" लड़के ने कुछ जवाब नही दिया बस मुस्कुराया और अपनी पेंट को ऊंचा किया तो उसकी एक टांग में उसने ब्रेस पहन रखी थी उसका भी एक पैर ख़राब था। दुकानदार ने यह देखकर कहा " मैं अब समझ गया कि तुम इस अपाहिज पिल्ले को ही क्यों खरीदना चाहते हो।"
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि आप किसी व्यक्ति की परेशानी को तभी अच्छे से समझ सकते हैं जब अब भी उसी परेशानी से गुजरें हों।
6. मुझे पता था तुम जरूर आओगे
I knew that you would come
यह एक best moral story in hindi है। बचपन के दो दोस्त थे जो स्कूल , collage यहाँ तक की फ़ौज में भी साथ ही भर्ती हुए। कुछ दिनों बाद युद्ध छिड़ गया दोनों दोस्त एक ही यूनिट से थे। एक रात उन पर हमला हो गया चारो तरफ गोलियाँ वर्ष रही थी। ऐसे समय में ही अँधेरे से आवाज आई " हैरी यहाँ आओ मेरी मदद करो।" हैरी ने अपने बचपन के दोस्त बिल ( Bil ) की आवाज तुरंत पहचान ली। हैरी ने अपने कैप्टन से पूछा " सर क्या मैं बिल की मदद करने के लिए जा सकता हूँ।" कैप्टन ने जवाब दिया " मैं तुम्हें जाने की इजाजत नही दे सकता वैसे भी मेरे पास सैनिक कम है मैं तुम्हें खोना नही चाहता वैसे भी आवाज से लग रहा है तुम्हारे दोस्त बिल को बचाया नही जा सकता है।
हैरी चुप रहा। फिर आवाज आई " हैरी मेरी मदद करो। हैरी अब भी चुपचाप बैठा रहा क्योंकि उसके कैप्टन ने उसे इजाजत नही दी थी। पर आवाज बार बार आ रही थी । अब हैरी से और नही रहा गया वह कैप्टन से बोला " कैप्टन कुछ भी हो मुझे जाना ही होगा आखिर वो मेरे बचपन का दोस्त है।"इस बार कैप्टन ने उसे बेमन से जाने की इजाजत दे दी। हैरी रेंगता हुआ गड्ढे में आगे बढ़ा और कुछ देर में बिल को खींचकर बाहर ले आया। कैप्टन ने आकर देखा तो बिल मर चुका था। यह देख कैप्टन गुस्सा में हैरी पर चिल्लाया " मैंने पहले ही कहा था कि वह नही बचेगा फिर भी तुम ने मेरी बात नही मानी तुम्हारी इस बेवकूफी के कारण में एक और सैनिक के रूप में तुम्हे खो देता।" हैरी ने जवाब दिया " कैप्टन मैंने जो किया सही किया जब मैं बिल के पास पहुंचा तो उसके आखरी शब्द थे कि "हैरी मुझे पता था कि तुम जरूर आयोगे।"
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि यदि कोई आप पर विश्वाश करता है तो आपकी भी जिम्मेदारी बनती है कि उस विश्वास को न तोड़ें विश्वास बनाये रखें।
7. मुँह से निकले शब्द बापस नही आते
यह story in hindi with moral है जो एक शिक्षाप्रद कहानी है। एक किसान का अपने पड़ोसी से कुछ बात को लेकर झगड़ा हो जाता है। किसान अपने पड़ोसी को बहुत ज्यादा अपशब्द बोल देता है। कुछ समय बाद किसान को अहसास हुआ कि उसने अपने पडोसी के साथ बुरा व्यवहार किया है। इसका पश्चाताप करने के लिए वह एक पादरी के पास जाता है और पादरी से कहा " मैंने अपने पड़ोसी को बहुत अपशब्द बोलें है मैं अपनी व्यवहार से दुखी हूँ और इसके लिए क्षमा मांगने आया हूँ। पादरी ने कहा ठीक है " ये पंख लो और इन्हें शहर के बीचों बीच बिखेर का आजाओ।" किसान ने ऐसा ही किया कुछ समय पश्चात पादरी ने किसान को एक थैला देते हुए कहा " जाओ और उन सारे पंखों को इस थैले में भर कर ले आओ।" किसान जब शहर के बीचों बीच पहुंचा तो सारे पंख यहाँ वहाँ उड़ चुके थे किसान ने उन्हें इकठ्ठा करने की बहुत कोशिश की पर वह नाकाम रहा । किसान खली थैला लेकर पादरी के पास पहुंचा और कहा " मैंने बहुत कोशिश की फिर भी सारे पंखों को एकत्रित नही कर पाया।" पादरी ने कहा " शब्द भी इन पंखों के समान ही होते हैं एक बार निकल गए तो दुबारा बापस नही आते इसलिए शब्दों को बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए।"
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि हमें अपने शब्दों का चयन बहुत सावधानी पूर्वक करना चाहिए। क्योंकि कोई आपके गलत बोले गये शब्दों के लिए आपको माफ़ तो कर सकता है । पर उन शब्दों को कभी नही भूल।सकता।
8. केंकड़े मोरल स्टोरी इन हिंदी
यह एक बहुत ही बेहतरीन story in hindi with moral है। एक बार एक प्रोफेसर अपनी क्लास में कुछ केंकड़े लेकर आया उसने अपनी क्लास के students से कहा कि " यदि मैं इन सारे केकड़ों को एक कम गहरे बर्तन मे रख दूँ तो क्या ये उस बर्तन से बाहर निकल सकते हैं।" क्लास के सभी studens ने एक साथ कहा " हाँ सर ये सभी केंकड़े उस बर्तन से आसानी से बाहर निकल जाएंगे।" प्रोफेसर न कहा " तुम सब गलत हो ये केंकड़े उस बर्तन से बहार नही निकल पाएंगे।" सभी स्टूडेंट्स ये सुनकर आश्चर्यचकित हो गए , प्रोफेसर ने आगे कहा " तुम्हें यकीन नही हो रहा शायद चलो प्रैक्टिकल कर के देखते हैं।" ऐसा कहकर प्रोफेसर ने केंकड़ो को एक छोटे से बर्तन में डाल दिया और students से कहा ध्यान से देखो सचमुच एक भी केंकड़े उस बर्तन के बाहर नही आया। students ने कहा " सर क्या कारण कि एक भी केंकड़ा इस छोटे से बर्तन से बाहर नहीं निकल पाया।"
प्रोफेसर ने कहा " केंकड़े की आदत है कि जब कोई केंकड़ा ऊपर चढ़ता है तो बाकी केंकड़े उसकी टांग खींच कर नीचे ले आते हैं।" यदि आपको जीवन में आगे बढ़ना है तो एक दूसरे की टांग खीचना बन्द करना होगा।
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि हम आप जब तक जीवन में कुछ नही कर सकते जब तक की एक दूसरे की टांग खींचते रहेंगे।
9. मदद
यह एक real moral story है। बहुत साल पहले दो लड़के Stanford university में पढ़ रहे थे। एक बार उन्हें पैसों की कमी पड़ी तो उन्होंने सोचा कि क्यों न इगनैसी पैडेरेस्की ( Ignacy Paderewski) को पियानो बजाने के लिये बुलाया जाये उनके पियानो कार्यक्रम से जो पैसा इकठ्ठा होगा उसे अपनी पढ़ाई और रहने के लिए खर्च कर लेंगे।
उस समय इगनैसी एक महान पियानों वादक थे।उनके मैनेजर ने 2000 डॉलर की गारन्टी माँगी जो की उस वक्त बहुत ज्यादा रकम थी फिर भी उन दोनों लड़को ने स्वीकार कर लिया। इस संगीत समारोह का बहुत प्रचार किया काफी मेहनत की फिर भी वो लड़के केवल 1600 डॉलर ही जुटा पाये। समारोह के बाद उन लोगो ने अपनी सारी मुसीबत उस महान पियानो वादक इगनैसी को बताई । 1600 डॉलर दिए और बाकि 400 डॉलर का एक करारनामा दिया जिसे वो जल्दी ही जमा कर देंगे। अब उन लड़कों को अपनी collge पढ़ाई का अंत भी दिख रहा था।
लेकिन इगनैसी ने कहा " बच्चों ऐसा नही हो सकता।" उन्होंने करारनामा फाड़ दिया और पैसे लौटते हुए कहा " इस 1600 डॉलर में से अपने सारे खर्च के पैसे निकाल लो फिर जितनी रकम बचती है उसका 10% तुम अपने मेहनताने के तोर पर रखलो, फिर बाकि जो रकम बचेगी उसे मैं ले लूँगा।"
साल गुजरते गये। पहला विश्व युद्ध हुआ और समाप्त ही गया। इगनैसी पैडरिस्की अब पोलैंड के प्रधानमंत्री बन चुके थे और अपने देश की भूखी जनता के लिए खाना जुटाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनकी मदद केवल एक ही व्यक्ति क्र सकता था और वह था US Food and relief Bureau का अधिकारी हर्बर्ट हूवर । हूवर ने बिना देर किये कदम उठाया और हजारों टन अनाज पोलैंड भिजवा दिया।
इगनैसी पैडरिस्की जब भूंखों की समस्या समाप्त हुई तो हर्बर्ट हूवर को धन्यवाद करने के लिए पेरिस गये । हूवर ने जवाब दिया " धन्यवाद की कोई जरूरत नही मि., पैडरेसकी! आप को शायद याद नही जब मैं collage में स्टूडेंट था , और मुश्किल में था , तब आप ने एक बार मेरी मदद की थी।"
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि यदि आप किसी की मदद करते हैं तो आपके साथ भी अच्छा ही होता है। अच्छाई अपना रास्ता ढूंढ लेती है यह एक बुनियादी नियम है। मदद करते समय फल की इच्छा न रखें । फल तो कुदरती तौर पर आपको मिलेगा ही।
10. भौंरा
यह एक अच्छी moral story in hindi है। एक बार philosophy की क्लास के एक प्रोफेसर ने अपनी क्लास के लड़कों से पूछा कि " बताओ कितने लोगो ने भौंरे को उड़ाते हुए देखा है।" सभी students ने हाथ उठाकर अपनी सहमति प्रदर्शित की कि सभी ने भौंरे को उड़ते हुए देखा है।
प्रोफेसर ने कहा " पर तुम को ये पता नही की विज्ञान के नियम अनुसार भौंरा कभी उड़ नही सकता। क्योंकि भौंरे का वजन ज्यादा होता है। किंतु फिर भी भौंरा उड़ जाता है क्योंकि उसे नही पता की विज्ञान उसके बारे में क्या कहता है । वह तो उड़ना चाहता है और इसके लिए कड़ी मेहनत करता है बार बार प्रयास करता है और यह वो जब तक करता रहता है जब तक की वह उड़ नही जाता। भौंरा अपनी लगन और मेहनत से सभी नियमो को गलत साबित कर देता है। मैं आज आपको भौंरा theory के बारे में बता रहा हूँ कि कोई आपके बारे में कुछ भी सोचता है उससे आपके ऊपर कोई भी फर्क नही पड़ता। फर्क तो उससे पड़ता है कि आप अपने बारे में क्या सोचते हैं। जैसा आप सोचते हैं और उसके लिए प्रयास करते हैं। वैसे आप बन जाते हैं जैसे की भौंरा सोचता है कि वो उड़ सकता है और उसके लिए वह प्रयास भी करता है। भौंरा सभी वैज्ञानिक सिध्दांतों को झूठा साबित कर सिद्ध कर देता है और सारी दुनिया को सिखाता है कि सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।"
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि यदि आपके अंदर सच्ची लगन है और उसके लिए आप हार्ड वर्क करते हैं । तो कोई भी असम्भव कार्य को सम्भव कर सकते हैं।
Comfort जोन से बाहर निकलें moral story in hindi
Comfort जोन से बाहर कैसे निकल ? Comfort zone के क्या नुकसान हैं? इस प्रकार के सभी सवालों का जवाब देती है यह moral story in hindi। एक बार एक साधु अपने शिष्य के साथ घूमने के लिए निकले। चलते चलते उन्हें एक जंगल में शाम हो गई। साधु महाराज ने अपने शिष्य से कहा कि " वत्स शाम हो गई है आज की रात हमें इसी जंगल में गुजारनी होगी। जाकर देखो कहीं कोई आज रात गुजारने की जगह मिल जाये।" शिष्य अपने गुरु की आज्ञा पाकर आश्रय की तलाश करने लगा । तभी उसे एक झोपड़ी दिखाई दी । शिष्य अपने गुरु को लेकर उस झोपडी में पँहुचा। दरवाजा खटखटाया तो एक व्यक्ति उस झोपडी से बहार आया। जैसे ही उसने देखा कि एक साधु महाराज उसके घर के सामने खड़े हैं। उसने शीघ्रता से साधु के चरण छूते हुए कहा " आज तो मेरे भाग्य ही खुल गए जो आप मुझ गरीब के यहाँ पधारे।"
साधु ने उस व्यक्ति को आशीर्वाद देते हुए कहा " बेटा क्या हमको आज रात गुजारने के लिए यहाँ थोड़ी सी जगह मिल सकती है। सुबह होते ही हम यहाँ से चले जायेंगे।" व्यक्ति ने प्रसन्न होकर कहा " महाराज आप इसे अपना ही घर समझें।" उस व्यक्ति ने साधु महाराज का बहुत स्वागत किया अच्छा भोजन करवाया। साधु महाराज ने कहा " बेटा मैं तुम्हारे इस अतिथि सत्कार से बहुत प्रसन्न हुआ।" साधु ने आगे कहा " बेटा तुम इस वीरान जंगल में कैसे जीवन निर्वाह करते हो।" उस व्यक्ति ने कहा " महाराज मेरे पास एक भैंस है बस उसके ही दूध से जीवन निर्वाह होता है। जो मेरे पास जमीन है उसमें भैंसे के लिए चारा उगाता हूँ। मैं और मेरा परिवार इससे बहुत खुश हूँ।" साधु ने कहा ठीक है अब हम आराम करते है तुम भी सो जाओ। जब वह व्यक्ति और उसका पूरा परिवार गहन निंद्रा मे सो गया तो साधु ने अपने शिष्य से कहा चलो अब यहाँ से चलते हैं। एक काम करो ये जो जड़ी मैं तुम को देता हूँ । उसे तुम भैंस को खिला दो शिष्य ने वैसा ही किया जड़ी बूटी भैंस को खिला दी।
जब वो लोग जंगल से बाहर निकले तो शिष्य ने साधु से पूछा कि आखिर वो जड़ी बूटी किस कार्य के लिए थी और भैंस को क्यों खिलाई? साधु ने कहा " वह जड़ी जहर का कार्य करती है। उसको खा कर भैंस मर जायेगी।" यह सुनकर शिष्य गुस्सा करते हुए अपने गुरु से बोला " उसने हमारा इतना सत्कार किया और अपने उसकी आजीविका उस भैंस को मार दिया। आप बहुत ही निर्दयी हो।" साधु ने कुछ जवाब नही दिया।
बहुत वर्ष बीत गए एक दिन साधु ने अपने उसी शिष्य से कहा "चला आज हम उस व्यक्ति के पास चलते हैं । जिसकी भैंस को हमने मार दिया था।" शिष्य ने जवाब दिया " हमने उसकी आजीविका को खत्म कर दिया था। मेरे हिसाब से शायद अब वो जीवित भी नही होगा।" फिर भी चलकर देखते हैं कि उसका क्या हुआ। जब साधु और उसका शिष्य उसी जगह पर पहुँचते हैं तो देखते हैं कि अब झोपडी की जगह ये बहुत ही सुंदर घर बना हुआ था चारों तरफ फसल लहरा रही थी। जब इन दोनों ने दरवाजा घटघटाया तो वही व्यक्ति बाहर निकाल उसने साधु को देखते ही उनके चरणों में गिर गया। शिष्य को बहुत आश्चर्य हो रहा था उसने पूछा " पहले ये बताओ कि तुमने इतनी तरक्की कैसें कर ली।" उस व्यक्ति ने कहा " ये तो सब इन साधु महाराज की कृपा है । जिस दिन आप हमारे घर से गये थे उसी दिन हमारी भैंस मर गई। हमारे पास जीविका का कोई साधन नही था इसलिए हमने हमारे खेतों को साफ कर उनमें फसल बोना शुरू कर दिया। और उससे बहुत आमदनी हुई।" शिष्य को अभी भी कुछ समझ नही आ रहा था।
साधु ने अपने शिष्य को असमंजस में पड़े देख कहा मैं समझाता हूँ " यदि इस व्यक्ति की भैंस न मरी होती तो यह अब भी उस भैंस को ही चरा रहा होता। और इसके खेतों में फसल की जगह चारा होता। यह अपनी भैंस के अलावा कुछ नही सोचता था वह भैंसे ही इसकी प्रगति में बाधक थी। इसलिए हमने उस भैंस को मार दिया। जिसके परिणाम तुम देख ही रहे हो।"
Moral of story :- मोरल ऑफ़ स्टोरी यह है कि आपके जीवन में comfort zone ही वह भैंस है जो तुम्हें आगे बढ़ने से रोक रही है। यदि जीवन में कुछ अलग कर के दिखाना है तो comfort zone रूपी इस भैंस को मारना ही होगा।
सर्वश्रेष्ट कहानियां in hindi with moral
यहाँ in hindi story with moral की लिस्ट दे रहें हैं। किसी भी स्टोरी पर click कर आप best story in hindi with moral पढ़ सकतें है। inhindistory. com की सर्वश्रेष्ट कहानियों का संग्रह निम्नानुसार है :-
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